ऑस्कर चयन प्रक्रिया: भारत से हर साल ऑस्कर के लिए एक फिल्म भेजी जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस फिल्म का चयन कैसे होता है? कौन यह फैसला करता है कि कौन सी फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगी? इस ब्लॉग में हम ऑस्कर के लिए भारतीय फिल्म चयन की पूरी प्रक्रिया पर नज़र डालेंगे और समझेंगे कि यह प्रक्रिया कितनी जटिल और महत्त्वपूर्ण होती है।

ऑस्कर चयन प्रक्रिया: ऑस्कर के लिए भारतीय फिल्म का चयन कैसे होता है?

ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि का चयन करने की जिम्मेदारी “फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया” (FFI) की होती है। यह संस्था देशभर के फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, और अन्य महत्वपूर्ण सिनेमा से जुड़े व्यक्तियों द्वारा संचालित होती है। हर साल, FFI की एक विशेष समिति बनाई जाती है, जो भारत से ऑस्कर की आधिकारिक प्रविष्टि का चयन करती है।

इस चयन प्रक्रिया में निम्नलिखित स्टेप्स शामिल होते हैं:

  1. फिल्मों का आवेदन: फिल्म निर्माता FFI को अपनी फिल्मों का आवेदन भेजते हैं। इसमें किसी विशेष नियम का पालन नहीं करना होता, लेकिन फिल्मों का पिछले साल के अक्टूबर से इस साल के सितंबर तक रिलीज होना जरूरी है।
  2. स्क्रीनिंग और जूरी मीटिंग्स: FFI की जूरी, जो फिल्म इंडस्ट्री के अनुभवी लोगों से बनी होती है, आवेदित फिल्मों की स्क्रीनिंग करती है। यह स्क्रीनिंग कई हफ्तों तक चल सकती है।
  3. फिल्मों का मूल्यांकन: हर फिल्म की कहानी, निर्देशन, अभिनय, संगीत, सिनेमाटोग्राफी आदि पर बारीकी से ध्यान दिया जाता है। जूरी के सदस्य एक-दूसरे के साथ विचार-विमर्श करते हैं और फिल्म की गुणवत्ता और वैश्विक अपील पर चर्चा करते हैं।
  4. अंतिम निर्णय: पूरी स्क्रीनिंग प्रक्रिया के बाद, जूरी एक बैठक में बैठकर अपनी पसंदीदा फिल्मों की सूची तैयार करती है और मतदान के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ फिल्म का चयन करती है। इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भारत की ओर से भेजा जाता है।

क्या ऑस्कर में सीधे प्रवेश संभव है?

भारत से ऑस्कर के लिए भेजी गई फिल्में आमतौर पर “सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म” (पहले विदेशी भाषा फिल्म) कैटेगरी के लिए होती हैं। हालांकि, कुछ भारतीय फिल्में सीधे तौर पर भी अन्य कैटेगरी में भेजी जा सकती हैं, जैसे बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टिंग आदि, लेकिन इसके लिए फिल्म निर्माता को खुद आवेदन करना होता है।

ऑस्कर चयन की कुछ ऐतिहासिक फिल्में

भारतीय सिनेमा की कुछ महान फिल्में ऑस्कर के लिए नामित हो चुकी हैं:

मदर इंडिया (1957): यह पहली भारतीय फिल्म थी, जो ऑस्कर की दौड़ में शामिल हुई।
लगान (2001): यह एक और फिल्म थी, जिसने ऑस्कर तक पहुंचने में सफलता हासिल की, लेकिन आखिरी चरण में हार गई।
कूझांगल (2021): हाल ही में तमिल फिल्म “कूझांगल” को भारत की ओर से आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजा गया था।

चुनौतियाँ और विवाद

हालांकि हर साल भारत से एक फिल्म ऑस्कर के लिए भेजी जाती है, लेकिन यह प्रक्रिया विवादों से भी घिरी रहती है। अक्सर फिल्मों के चयन पर बहस होती है कि क्या सही फिल्म का चुनाव हुआ है या नहीं।

कई बार भारतीय दर्शकों और आलोचकों को लगता है कि बेहतर फिल्में भी इस दौड़ में शामिल हो सकती थीं। उदाहरण के लिए, साल 2023 में “द केरल स्टोरी” और “गदर 2” जैसी बड़ी फिल्मों की भी चर्चा थी, लेकिन अंतिम चयन दूसरी फिल्मों का हुआ।

ऑस्कर के लिए भेजी जाने वाली फिल्म के मापदंड
ऑस्कर के लिए फिल्म चयन करते समय कई बातें ध्यान में रखी जाती हैं:

  • फिल्म की वैश्विक अपील: क्या यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से जुड़ पाएगी?
  • कलात्मक गुणवत्ता: फिल्म का निर्देशन, सिनेमाटोग्राफी और स्क्रिप्ट कितनी मजबूत है?
  • तकनीकी पक्ष: क्या फिल्म तकनीकी दृष्टि से उच्च स्तर की है, जैसे कि साउंड डिज़ाइन, एडिटिंग, और विजुअल इफेक्ट्स?

निष्कर्ष

ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करना न केवल फिल्म निर्माताओं के लिए गर्व की बात होती है, बल्कि पूरे देश के लिए भी यह एक विशेष क्षण होता है। हालांकि, चयन की प्रक्रिया सरल नहीं है और यह कई चरणों से गुजरती है। भारतीय सिनेमा ने कई बार अपनी पहचान वैश्विक मंच पर बनाई है, और भविष्य में हमें और भी बेहतरीन फिल्में इस मंच पर देखने को मिलेंगी।

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