श्रीकांत बोला : श्रीकांत बोला का जीवन संघर्ष और सफलता की एक ऐसी कहानी है, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। दृष्टिहीनता के बावजूद, उन्होंने अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर न केवल एक सफल उद्यमी के रूप में पहचान बनाई, बल्कि अब वे शार्क टैंक इंडिया के नए जज के रूप में भी शामिल हुए हैं।

प्रारंभिक जीवन और चुनौतियाँ

श्रीकांत का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के सीतारामपुरम गाँव में हुआ था। जन्म से ही दृष्टिहीन होने के कारण, उन्हें समाज में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी, लेकिन उनके मातापिता ने उन की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।

शिक्षा में संघर्ष

दसवीं कक्षा के बाद, जब श्रीकांत ने विज्ञान विषय में पढ़ाई करने की इच्छा जताई, तो उन्हें अनुमति नहीं मिली। उन्होंने इस निर्णय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः विज्ञान में 98% अंकों के साथ सफलता प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से मैनेजमेंट साइंस में डिग्री हासिल की, जो एक दृष्टिहीन छात्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

बोलेंट इंडस्ट्रीज की स्थापना

श्रीकांत ने 2012 में बोलेंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की, जो इकोफ्रेंडली डिस्पोजेबल उत्पाद बनाती है। उनकी कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से अधिक है और यह 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करती है।

बॉलीवुड में कहानी

श्रीकांत की प्रेरणादायक कहानी पर बॉलीवुड मेंश्रीकांतनामक फिल्म भी बनाई गई है, जिसमें राजकुमार राव ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह फिल्म मई 2024 मेंरिली जहुई और दर्शकों के बीच काफी लोक प्रिय रही।

शार्क टैंक इंडिया में नई भूमिका

अब, श्रीकांत बोला शार्क टैंक इंडिया के नए सीजन में जज की भूमिका में नजर आएंगे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इस खबर को साझा किया और उद्यमिता को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

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प्रेरणादायक संदेश

श्रीकांत बोला का जीवन हमें सिखाता है कि शारीरिक चुनौतियाँ सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकतीं, यदि हमारे पास आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और मेहनत का बल हो।

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