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मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता | भारत की पहली महिला निशानेबाज

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Manu Bhaker’s Jaw-Dropping Olympic Achievement – How She Secured India’s First Female Shooter Bronze Medal!

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करके ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को एक बड़ी सफलता दिलाई।

मनु भाकर पेरिस ओलंपिक : मनु भाकर ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं, जिससे निशानेबाजी में ओलंपिक मेडल के लिए 12 साल का इंतजार समाप्त हुआ।

मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं मनु भाकर

मनु भाकर ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। रविवार को पेरिस ओलंपिक में उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन के साथ ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीता, जिससे भारत को पेरिस ओलंपिक में बढ़त मिली। यह उपलब्धि भारतीय निशानेबाजी और सभी भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बन गई है।

मनु, जिन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में 580 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहकर ओलंपिक के निशानेबाजी फाइनल में प्रवेश किया, फाइनल में 221.7 अंक बनाकर तीसरे स्थान पर रहीं और ब्रॉन्ज मेडल जीता।

विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में कांस्य पदक जीता

मनु भाकर की इस जीत ने भारत के लिए निशानेबाजी में ओलंपिक पदक की 12 साल की प्रतीक्षा समाप्त कर दी है। इससे पहले, 2012 लंदन ओलंपिक में विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में कांस्य पदक जीता था। मनु भाकर अब भी बहुत युवा हैं और उनके पास भविष्य में कई अन्य ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की क्षमता है। उनकी इस जीत ने भारतीय खेलों के भविष्य के लिए उम्मीदों को बढ़ाया है।

दक्षिण कोरिया की किम येजी के खिलाफ 0.1 अंक की बढ़त के साथ सिल्वर मेडल की दौड़ में शामिल थीं, लेकिन अंतिम शॉट में भारतीय खिलाड़ी ने 10.3 अंक प्राप्त किए, जबकि कोरियाई खिलाड़ी ने 10.5 अंक के साथ सिल्वर मेडल जीत लिया।

हरियाणा के झज्जर से ताल्लुक रखने वाली हैं मनु भाकर

हरियाणा के झज्जर से आने वाली मनु ने बचपन से ही खेलों के प्रति गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने टेनिस, स्केटिंग, बॉक्सिंग और थांग ता जैसे विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। मनु भाकर की कहानी एक युवा प्रतिभा की कहानी है, जो अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर ऊंचाइयों को छू रही है।

2016 में, रियो ओलंपिक ने मनु को गहरे प्रभावित किया और उन्होंने शूटिंग को अपना जुनून बना लिया। केवल 14 साल की उम्र में, उन्होंने अपने पिता को मनाकर एक स्पोर्ट्स पिस्टल खरीदी और इस खेल में अपने करियर की शुरुआत करने का निर्णय लिया।

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मनु की सफलता की यात्रा 2017 में शुरू हुई, जब उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में 242.3 के रिकॉर्ड-तोड़ स्कोर के साथ ओलंपियन हीना सिद्धू को हराकर राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप का खिताब जीता। इतनी कम उम्र में एक अनुभवी खिलाड़ी को हराकर मनु ने सबको चौंका दिया और भारतीय निशानेबाजी में एक नए सितारे के रूप में उभरीं।

यह जीत भारतीय खेलों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। मनु भाकर की सफलता ने भारत में निशानेबाजी को एक लोकप्रिय खेल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब अधिक से अधिक युवा निशानेबाजी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। मनु भाकर ने न केवल देश का नाम ऊंचा किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।

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