भारत ने एशियाई खेलों में अब तक कुल 52 पदक हासिक किए हैं। इसमें 9 स्वर्ण, 13 रजत और 30 कांस्य पदक शामिल हैं। 1962 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में भारतीय रेसलरों को सबसे ज्यादा 3 पदक मिले थे। 1978 में पुरुषों ने भारत की झोली में सबसे ज्यादा 2 स्वर्ण पदक डाले थे।
पदक के सबसे मजबूत दावेदार अनुभवी सुशील कुमार हैं। फ्रीस्टाइल में उनका मुकाबला उजबेकिस्तान के बेदजोद अब्दुरखामानोव से होगा। वो 2014 एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता हैं और 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में हार गए थे। भले ही सुशील कुमार दो बार के ओलंपिक पदक विजेता हों लेकिन एशियाई खेल में उनके खाते में सिर्फ एक कांस्य पदक ही है। जो उन्होंने 2006 दोहा एशियाई खेल में जीता था।
एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता
भारतीय महिलाओं ने एशियाई खेलों में कुल चार पदक अपने नाम किए हैं। इसमें एक रजत और तीन कांस्य शामिल हैं। रियो ओलंपिक में साक्षी ने कांस्य और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता है। ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने रजत जीता था। एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। लेकिन जिस अंदाज और जोश में वह ट्रेनिंग कर रही हैं उससे वह स्वर्ण की प्रबल दावेदार हैं।
अनुभवी पहलवान विनेश फोगाट के खाते में ग्लास्गो और गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक हैं। इसके अलावा उन्होंने किर्गिस्तान में हुई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीतकर अपनी उम्दा फॉर्म दिखाई। विनेश ने पिछले इंचियोन एशियाई खेल में कांस्य जीता था।